खटीमा(ऊधम सिंह नगर): मुंडेली क्षेत्र में रविवार रात एक दुखद घटना में 79 वर्षीय बुजुर्ग श्यामलाल गंगवार आग में जिंदा जल गए। लकवाग्रस्त होने के कारण वह खुद को बचाने में असमर्थ थे। आशंका जताई जा रही है कि बीड़ी की चिंगारी से उनके बिस्तर में आग लग गई थी। जब तक परिजन और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक वह आग की लपटों में घिर चुके थे और उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
श्यामलाल गंगवार, जो वार्ड नंबर 20, डली चौराहा में रहते थे, अपने कमरे में सो रहे थे, जबकि उनके तीन बेटे और अन्य परिजन मकान के अन्य हिस्सों में थे। आधी रात को कमरे से उठती लपटें देखकर परिजन और पड़ोसी तुरंत जाग गए और आग बुझाने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलने पर अग्निशमन अधिकारी सुभाष जोशी और कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिजनों के अनुसार, करीब एक महीने पहले ब्रेन स्ट्रोक के कारण उनका बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था, जिससे उनकी चलने-फिरने की क्षमता पूरी तरह खत्म हो गई थी। इसके अलावा, वह नियमित रूप से बीड़ी पीते थे। पुलिस का अनुमान है कि बीड़ी पीते समय गिरी चिंगारी से बिस्तर में आग लगी होगी, जिससे वह खुद को बचा नहीं सके।
श्यामलाल गंगवार के निधन से पूरे परिवार और मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई। लोग उनके हौसले को याद कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने उम्र बढ़ने के साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं से संघर्ष किया था।
परिजनों के मुताबिक, श्यामलाल गंगवार पहले पीलीभीत रोड स्थित एक फैक्टरी में माली का काम करते थे, जिसके चलते लोग उन्हें बाबूराम माली के नाम से जानते थे। उनके तीन बेटे – प्रेमपाल, हरीश और राजेश हैं, जबकि बेटी माया का विवाह बरेली में हुआ है।
बड़े बेटे प्रेमपाल ने बताया कि पांच साल पहले एक दुर्घटना में उनके पिता के पैर की हड्डी टूट गई थी, और एक माह पहले ब्रेन स्ट्रोक के कारण वह पूरी तरह असहाय हो गए थे। रविवार रात जब कमरे में आग लगी, तब वह बिस्तर से उठ पाने में असमर्थ थे, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया, जहां परिवार और सगे-संबंधियों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।