
उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर हुए गोकशी के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने अंतरराज्यीय गौ तस्कर गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। देहरादून पुलिस ने सहसपुर क्षेत्र से 8 आरोपियों को पकड़ा, जबकि सिरमौर पुलिस ने 2 अन्य आरोपियों को पुरूवाला सिरमौर से गिरफ्तार किया।
घटना के बाद एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने हिमाचल जाकर एसएसपी सिरमौर से मुलाकात की और संयुक्त रणनीति बनाई गई। जांच में सामने आया कि सभी आरोपी पहले भी पशु क्रूरता और गोकशी के मामलों में जेल जा चुके हैं।
31 मार्च को विकासनगर पुलिस को देवपुर नदी किनारे 13 गोवंश के अवशेष मिलने की सूचना मिली थी। जांच में सामने आया कि अवैध रूप से कटान करने के बाद अवशेषों को फेंका गया था। इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जांच में यह पता चला कि मामले के तार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से जुड़े हैं। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया और 1 अप्रैल को विकासनगर और सिरमौर से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए आरोपियों में नौशाद (30), गुलबहार (38), मुशर्रफ ऊर्फ काला (50), समीर (19), शाहरुख (26), तौसीब (20) (सभी निवासी खुशहालपुर, सहसपुर, देहरादून) और शहनवाज (40), इरशाद (60) (निवासी मानपुर देवड़ा, पांवटा साहिब, सिरमौर) शामिल हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे हिमाचल और उत्तराखंड की सीमावर्ती इलाकों से लावारिस गोवंश को चोरी कर कटान करते थे और उनका मांस बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे। 31 मार्च को भी इसी तरह गोवंश को यमुना नदी के पास ले जाकर काटा गया और अवशेष वहीं फेंक दिए गए।
गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल किए गए धारदार हथियार बरामद किए गए। पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी फिर से गोकशी की घटना को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले ही उन्हें पकड़ लिया गया।