
उत्तराखंड एसटीएफ ने क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से एक साइबर ठग गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह विदेशी मुद्रा का लालच देकर छात्रों से ठगी करता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान *दीपांशु सिंह गुरु* (डीएल रोड निवासी) और *सौरभ कुमार* (पंडितवाड़ी निवासी) के रूप में हुई है।जांच के दौरान एसटीएफ को एक बैंक खाते में केवल एक महीने के भीतर *35 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन* का पता चला। गिरोह ने कुल *50 से अधिक फर्जी खाते* विभिन्न बैंकों में खुलवाए थे, जिनका उपयोग ठगी के पैसे जमा करने के लिए किया जाता था। तमिलनाडु के एक छात्र ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। छात्र ने बताया कि उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप से नंबर मिला, जहां उसे ऑनलाइन रुपये को डॉलर में बदलने का झांसा दिया गया। शुरुआत में एक डॉलर के बदले ठगों ने सही लेन-देन किया, जिससे छात्र का भरोसा जीत लिया। इसके बाद छात्र ने 70,000 रुपये जमा किए, लेकिन रकम जमा होने के बाद ठगों ने संपर्क तोड़ दिया।
एसटीएफ की जांच में पता चला कि ठगों ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कोटक बैंक, फेडरल बैंक, और आईडीएफसी बैंक सहित कई बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए। आरोपियों ने AB पैकेजिंग सेंटर, लेडीज बुटीक, और श्रीकृष्णा ऑनलाइन स्टोर जैसे फर्जी फर्मों का पंजीकरण कराकर करंट अकाउंट्स खोले।
गिरफ्तार आरोपी दीपांशु ने बताया कि उसे हर सेविंग अकाउंट के लिए 20-25 हजार रुपये और करंट अकाउंट के लिए 40-50 हजार रुपये कमीशन के रूप में मिलते थे। इसके लिए उन्होंने मजदूरों और जरूरतमंद लोगों को मामूली रकम देकर उनके नाम पर खाते खुलवाए।
एसटीएफ के अनुसार, इस गिरोह का मुख्य संचालन गुजरात और मुंबई से हो रहा था। वहां से गिरोह के सदस्य बैंक खातों की पासबुक, डेबिट कार्ड और अन्य दस्तावेजों को कूरियर के माध्यम से मंगवाते थे। आगे की जांच के लिए एसटीएफ की टीम गुजरात और मुंबई भी भेजी जा रही है।
बरामद सामग्री
गिरफ्तार आरोपियों के पास से *डेढ़ लाख रुपये नकद, **7 मोबाइल फोन, **14 सिम कार्ड, **37 डेबिट कार्ड, और **फर्जी फर्मों की 3 मुहरें* बरामद की गई हैं।
पुलिस जांच जारी
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों का भी सुराग मिला है। एसटीएफ मामले की गहनता से जांच कर रही है, ताकि इस साइबर ठग नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके।