
पौड़ी-सत्याखाल बस हादसे ने केसुंदर गांव को गहरे जख्म दिए हैं। हादसे में गांव के 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक दंपत्ति और एक मां-बेटा शामिल हैं। इसके साथ ही डोभा गांव की एक नवविवाहिता और देलचौंरी गांव के एक बुजुर्ग भी इस हादसे में जिंदगी गंवा बैठे। केसुंदर गांव के नागेंद्र लाल ने पांच दिसंबर 2024 को अपनी बेटी का विवाह बड़े धूमधाम से किया था। लेकिन इस हादसे ने उनकी खुशियां छीन लीं। नागेंद्र और उनकी पत्नी सुलोचना देवी की इस दुर्घटना में मौत हो गई। नागेंद्र गांव में टेलरिंग का कार्य करते थे, जबकि सुलोचना आगंनबाड़ी में सहायिका थीं। उनका बेटा सेना में तैनात है, जबकि दूसरी बेटी का पहले ही विवाह हो चुका है।
हादसे में केसुंदर की प्रमिला देवी और उनके बेटे प्रियांशु की भी मौत हो गई। प्रमिला जिला अस्पताल में पीपीपी मोड के दौरान कैंटीन में काम करती थीं, लेकिन पीपीपी मोड के हटने के बाद से बेरोजगार थीं। प्रियांशु श्रीनगर से आईटीआई कर रहा था और अपनी मां की मदद करने का सपना देख रहा था। डोभा गांव के किशोरी लाल की बेटी सुनीता, जिसका विवाह भी पांच दिसंबर को हुआ था, इस हादसे में काल का ग्रास बन गई। परिवार ने अनुसूचित जाति पुत्री शादी अनुदान योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया था, जिसका लाभ उसे मार्च 2025 में मिलना था।
हादसे में देलचौंरी गांव के एक बुजुर्ग की भी जान चली गई। इस त्रासदी ने इन गांवों के हर व्यक्ति को गमगीन कर दिया है। जीएमओयू के पौड़ी स्टेशन इंचार्ज अरुण रावत ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस जीएमओयू सेवा की थी, जो पौड़ी से देलचौंरी के लिए नियमित रूप से संचालित होती थी। बस हर शाम देलचौंरी पहुंचकर रात में वहीं रुकती और सुबह आठ बजे पौड़ी लौटती थी।
जांच के आदेश
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बस हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने एसडीएम सदर को जांच अधिकारी नामित करते हुए 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट में जिस भी स्तर पर लापरवाही पाई जाएगी, संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि बस हादसे की तकनीकी जांच के लिए एक टीम गठित की गई है, जो सोमवार को घटनास्थल पर पहुंचकर सभी तकनीकी पहलुओं की बारीकी से जांच करेगी।
ग्रामीणों में शोक की लहर
इस भीषण हादसे ने केसुंदर, डोभा और देलचौंरी गांव के हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है। हर किसी की आंखें नम हैं, और ग्रामीण अब तक इस दर्दनाक घटना से उबर नहीं पाए हैं।