
राष्ट्रीय खेलों के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। 28 जनवरी से शुरू होने वाले इन खेलों में 10,000 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। पुलिस का दावा है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा में पुलिसकर्मी साए की तरह उनके साथ रहेंगे। खेलों की हर गतिविधि सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी। डीजीपी दीपम सेठ ने बैठक में फोर्स की ड्यूटी, यातायात प्लान और पार्किंग जैसी व्यवस्थाओं पर चर्चा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को सजग रहते हुए व्यवस्थाएं समय पर पूरी करने के निर्देश दिए। खेलों के आयोजन 9 जिलों के 19 स्थलों पर होंगे, जहां 44 प्रतियोगिताओं में 10,000 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। डीजीपी ने कहा कि यह आयोजन उत्तराखंड की छवि को देश और दुनिया में दिखाने का अवसर है। त्रुटिरहित सुरक्षा के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है।
खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोपरि
- खिलाड़ियों के प्रवास स्थलों और आयोजन स्थलों पर प्रभावी सुरक्षा होगी।
- महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- पुलिस इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों दीपाली डिजाइन, ग्रांट थॉर्टन और थॉमस कुक के साथ समन्वय में काम करेगी।
प्रमुख व्यवस्थाएं
- सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष: प्रवास स्थलों पर सीसीटीवी से लैस कंट्रोल रूम स्थापित होंगे।
- सत्यापन: प्रवास स्थलों पर कर्मियों का समय से सत्यापन होगा।
- यातायात व्यवस्था: यातायात रूट, प्रवेश-निकास प्लान और पार्किंग पर निगरानी।
- फायर सेफ्टी: आयोजन स्थलों पर अग्निशमन उपकरण और मोटर फायर इंजिन तैनात होंगे।
- इंटेलिजेंस: इंटेलिजेंस के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी।
- 24 घंटे निगरानी: बम निरोधक दस्ते से लगातार जांच की जाएगी।
- संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा: एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे।
- विभागीय समन्वय: विद्युत, पेयजल, लोनिवि, फायर और एसडीआरएफ समेत अन्य विभागों के साथ तालमेल सुनिश्चित।
उत्तराखंड पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, ताकि आयोजन सकुशल और भव्य रूप से संपन्न हो सके।