हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में घटिया और बासी भोजन परोसे जाने की लगातार आ रही शिकायतों के बाद बुधवार को प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने खुद बॉयज मेस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय सिंह की टीम को बुलाया गया। जांच के दौरान बॉयज, गर्ल्स और पीजी मेस में रखे गए दूध, चावल और मसाले एक्सपायरी डेट के पाए गए। साथ ही, टीम ने मेस में इस्तेमाल हो रहे तेल और पनीर के सैंपल भी लिए।
खाद्य सुरक्षा टीम को बॉयज हॉस्टल के मेस में कड़ाही में काला प्याज पकता हुआ मिला, जिससे साफ पता चला कि भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब थी। इसके अलावा, टीम को एक्सपायरी डेट का दूध मिला और पनीर से बदबू आ रही थी। जांच के दौरान मौके पर एक दिन पहले का बना हुआ खाना भी मिला। जब मेस ठेकेदार से इस बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि यह खाना उनका स्टाफ खाता है। इस पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की और ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई।
फूड लाइसेंस की जांच के दौरान भी गंभीर लापरवाही देखने को मिली। जब मेस मैनेजर से फूड लाइसेंस दिखाने को कहा गया, तो वह भी एक्सपायरी डेट का निकला। छात्रों का आरोप है कि उन्हें लगातार बासी और घटिया खाना खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनकी शिकायतों को बार-बार नजरअंदाज किया गया, जबकि वे प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से सालभर का 36,000 रुपये शुल्क जमा करते हैं।
नाम न बताने की शर्त पर कुछ छात्रों ने बताया कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि रात का भोजन करने के लिए उन्हें हॉस्टल से बाहर जाना पड़ता है। इससे पहले भी ठेकेदार पर पेनाल्टी लगाई जा चुकी है, लेकिन खाने की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ। अब खाद्य सुरक्षा विभाग ने जांच के लिए सैंपल भेज दिए हैं और बिना लाइसेंस के मेस संचालित करने पर फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली गई है।