उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को उत्तराखंड पहुंचे, जहां उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान वे बच्चों से घुल-मिल गए और एक बच्चे को गोद में लेकर हंसते-खेलते नजर आए।
योगी आदित्यनाथ अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने आए हैं, लेकिन इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों में भी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में उन्होंने उत्तराखंड से हो रहे पलायन और बंजर होते खेतों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि वे अपने खेतों को उपजाऊ बनाए रखें, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़े और पलायन रोका जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक सीमांत प्रदेश है और गांवों के खाली होने से यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग कर आत्मनिर्भरता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने प्रदेश को नशामुक्त बनाने और इसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। अपने दौरे के पहले दिन योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया और आनंद सिंह बिष्ट स्मृति पार्क में 100 फीट ऊंचे तिरंगे के साथ दो दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन किया।
उन्होंने विद्यालय की “गोरक्ष पत्रिका” का विमोचन भी किया और उत्तराखंड में डेयरी व पशुपालन की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बकरी का दूध अत्यधिक गुणकारी होता है और कई रोगों के उपचार में सहायक है। मेले के माध्यम से स्थानीय किसानों को बकरी व कुक्कुट वितरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को भारत का मुकुटमणि बताते हुए कहा कि यह राज्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और राज्य के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।