
फरवरी के दूसरे पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तराखंड के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, विक्षोभ की तीव्रता कम होने के कारण इसका असर मुख्य रूप से ऊंचाई वाले जिलों तक सीमित रहेगा। खासतौर पर कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़, बागेश्वर और गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग में आठ से 10 फरवरी के बीच बादलों की आवाजाही के साथ हल्की बारिश हो सकती है। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली चोटियों पर हिमपात होने की संभावना जताई गई है।
शुक्रवार को कुमाऊं में मौसम साफ बना रहा और दिनभर धूप खिली रही। हालांकि, छह से आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली ठंडी हवाओं के कारण धूप का असर कम महसूस हुआ। मैदानी इलाकों में रात के समय कोहरे की चादर देखने को मिली, जिससे न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चला गया। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में साफ मौसम की वजह से दिन और रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई। पर्वतीय इलाकों में अधिकतम तापमान 16 से 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, जबकि न्यूनतम तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
चंपावत जिले के लोहाघाट में न्यूनतम तापमान माइनस 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे पाला जमने की स्थिति बनी। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, शनिवार से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम बदलाव के संकेत हैं, लेकिन तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं होगा। आने वाले दिनों में धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि होने लगेगी।