
पौड़ी वन विभाग ने जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए डिजिटल तकनीक की मदद लेने का फैसला किया है। इसके तहत फॉरेस्ट फायर एप नामक एक मोबाइल एप लॉन्च किया गया है, जिसकी सहायता से नागरिक जंगल में आग लगने की सूचना तुरंत वन विभाग को दे सकते हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आग पर शुरुआती चरण में ही नियंत्रण पाना और जंगलों को बड़े नुकसान से बचाना है।
वन विभाग ने इस एप को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है। नागरिकों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे एप को डाउनलोड करें और किसी भी आग की घटना की त्वरित जानकारी विभाग को दें। इससे वन अधिकारियों को आग लगने की सही लोकेशन मिलेगी, जिससे राहत कार्य तेजी से किया जा सकेगा।
पिछले वर्ष गढ़वाल वन प्रभाग में भीषण आग के कारण 310.29 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गया था। इस बार वन विभाग ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। फॉरेस्ट फायर एप के साथ-साथ ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और एप-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम को भी निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जो लोग जंगलों में जानबूझकर आग लगाने के दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग ने आग से निपटने के लिए स्थानीय समुदायों को भी अपनी इस पहल में शामिल किया है। ग्रामीणों और वन कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे समय रहते आग पर काबू पाने में मदद कर सकें।
इस डिजिटल रणनीति के जरिए जंगलों को आग से बचाने का एक मजबूत सिस्टम विकसित किया जा रहा है। तकनीक और जनसहभागिता के इस नए मॉडल से न केवल वन क्षेत्र सुरक्षित रहेंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।