
प्रयागराज में माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही कुंभ मेले में एक नया इतिहास रचने की तैयारी शुरू हो चुकी है। मेले की भव्यता को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देने के लिए प्रशासन ने कई विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना तैयार की है। इस ऐतिहासिक प्रयास को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम अपनी निगरानी में पूरा कराएगी।
इस बार कुंभ में चार प्रमुख विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है, जिसकी शुरुआत 14 फरवरी से होगी। सबसे पहले 15,000 सफाई कर्मचारी संगम क्षेत्र में गंगा तट के किनारे 10 किलोमीटर के दायरे में सफाई अभियान चलाएंगे। यह प्रयास 2019 के कुंभ मेले में बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए किया जा रहा है, जब 10,000 सफाई कर्मचारियों ने एक साथ सफाई करके इतिहास रचा था।
15 फरवरी को नदी की स्वच्छता को और मजबूती देने के लिए 300 कर्मचारी जल में उतरकर सफाई अभियान को गति देंगे। इसके बाद, 16 फरवरी को पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से त्रिवेणी मार्ग पर 1,000 ई-रिक्शा एक साथ संचालित किए जाएंगे, जिससे कुंभ में यातायात प्रबंधन का एक नया मानक स्थापित किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक अभियान का अंतिम चरण 17 फरवरी को पूरा होगा, जब 10,000 लोगों के हाथों के छाप (हैंड प्रिंट) लेकर एक और नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा। यह आयोजन सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और कुंभ मेले की ऐतिहासिक पहचान को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
2019 के कुंभ मेले में भी तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए गए थे, जिनमें 500 से अधिक शटल बसों के संचालन के साथ सबसे बड़ी यातायात व्यवस्था, 10,000 सफाई कर्मचारियों के माध्यम से सबसे बड़े स्वच्छता और अपशिष्ट निपटान अभियान, और 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड शामिल था। इस बार प्रयागराज कुंभ अपने ही दो रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है।
कुंभ मेला प्रशासन ने इन विश्व रिकॉर्डों को बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम पहले ही प्रयागराज पहुंच चुकी है और उनकी देखरेख में यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है। प्रयागराज कुंभ, जो पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बन चुका है, अब एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जोड़ने की ओ
र बढ़ रहा है।