उत्तराखंड में ऑफ सीजन में तंगी झेल रहे होटल और ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के लिए राष्ट्रीय खेल किसी संजीवनी से कम साबित नहीं हुआ। अकेले होटल व्यवसाय ने करीब 25 करोड़ रुपए का कारोबार किया, जबकि ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने करीब 10 करोड़ रुपए कमाए। खासकर छोटे होटल व्यवसायियों और ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को राहत मिली है।
राष्ट्रीय खेलों के तहत 35 प्रतियोगिताओं में 8,891 खिलाड़ी शामिल हुए। इनके अलावा 2,209 टेक्निकल ऑफिसियल, 2,231 सपोर्टिंग स्टाफ, 54 डिप्टी चीफ डे मिशन, 36 चीफ डे मिशन और 37 डीओसी समेत कुल 45,369 लोग आयोजन से जुड़े। 28 जनवरी से 14 फरवरी के बीच होटलों के 50 हजार से ज्यादा कमरे बुक हुए। उत्तराखंड खेल सचिव प्रशांत आर्या ने बताया कि खिलाड़ियों और मेहमानों के लिए फाइव स्टार से लेकर विभिन्न श्रेणियों के होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई थी। औसतन एक कमरे का किराया 5 हजार रुपए रहा, जिससे होटल इंडस्ट्री को लगभग 25 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। कई खिलाड़ी अपने साथ परिवार और दोस्तों को भी लाए, जिससे होटलों की आमदनी और बढ़ी।
राष्ट्रीय खेलों के दौरान 17 हजार वाहन किराए पर लिए गए। इनमें 5 हजार बड़े और 12 हजार छोटे वाहन थे। औसतन एक वाहन का किराया प्रतिदिन 6 हजार रुपए रहा, जिससे ट्रांसपोर्ट सेक्टर ने लगभग 10 करोड़ रुपए का कारोबार किया। यह बुकिंग पूरे खेल आयोजन के दौरान रही। छोटे टैक्सी संचालकों को इसका खासा लाभ हुआ। सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि इस बार वॉलंटियर्स की संख्या भी रिकॉर्ड स्तर पर रही। कुल 31,849 वॉलंटियर्स शामिल हुए, जिनमें से 2,534 जनरल वॉलंटियर्स और 1,075 कॉलेज के विद्यार्थियों को वॉलंटियर्स के रूप में शामिल किया गया। इनमें से 7,674 वॉलंटियर्स को खेल विभाग की ओर से विशेष ट्रेनिंग दी गई।
राष्ट्रीय खेलों के दौरान 11 वेन्यू के 32 स्थलों पर लगभग 2.50 लाख लोगों ने भोजन किया। खेल सचिव अमित सिन्हा के अनुसार, 1 फरवरी को सबसे अधिक भीड़ देखी गई, जब एथलीट, सपोर्ट स्टाफ और सरकारी प्रतिनिधियों सहित एक दिन में 20 हजार से अधिक लोगों ने भोजन किया।
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों से व्यापार को चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन जैसा माहौल मिला। खासतौर पर छोटे होटल और टैक्सी संचालकों के लिए यह आर्थिक संजीवनी साबित हुआ। इस आयोजन ने उत्तराखंड को आर्थिक और पर्यटन दोनों दृष्टि से मजबूत किया है।