
हल्द्वानी: हल्द्वानी में तेज रफ्तार वाहनों के कारण सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में पुलिस ने यातायात जागरूकता माह अभियान चलाया, लेकिन इसका खास असर नजर नहीं आया। पुलिस ने बीते एक साल में यातायात नियमों के उल्लंघन पर 4,47,69,900 रुपये के चालान काटे, इसके बावजूद सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम नहीं लग सकी।
रफ्तार बनी जानलेवा
रामपुर रोड स्थित पंचायत घर के पास तेज रफ्तार वाहन ने स्कूटी सवार की जान ले ली थी। हादसे के वक्त वाहन का स्पीडोमीटर 120 से ऊपर था और चालक नाबालिग था। इसी तरह, तहसील में कार्यरत एक राजस्व कर्मी को बुलेट चालक ने टक्कर मारी, जहां भी वाहन की गति अधिक थी और चालक नाबालिग था। मंगलवार को तेज रफ्तार कार ट्रक में जा घुसी, जिसमें भी स्पीड 100 के पार थी।
नशे और स्पीड का घातक कॉम्बिनेशन
हल्द्वानी शहर में तेज रफ्तार पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा, तो हाईवे पर हालात और भी गंभीर हैं। चमचमाती सड़कों पर 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा को नजरअंदाज कर लोग बेधड़क गाड़ियां दौड़ा रहे हैं। खासतौर पर युवा नशे में तेज रफ्तार से वाहन चला रहे हैं, जो कई परिवारों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है।
सोमवार देर रात मंडी के पास हुए हादसे में तेज रफ्तार कार ने दो युवकों की जान ले ली। कार की गति इतनी अधिक थी कि चालक को न ओवरटेक करने का समय मिला, न ही ब्रेक लगाने का। इसी तरह, 23 जनवरी को महाराष्ट्र निवासी एक 17 वर्षीय किशोर तेज रफ्तार एसयूवी लेकर निकला, जिसने पंचायत घर के पास स्कूटी सवार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहन के टायर तक उखड़कर पेड़ पर लटक गए।
पुलिस की कोशिशें जारी, लेकिन जनता की ज़िम्मेदारी भी ज़रूरी
एसपी यातायात डॉ. जगदीश चंद्र के अनुसार, पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी कर रही है। बीते एक साल में करोड़ों रुपये के चालान काटे गए, लेकिन जब तक लोग खुद रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रखेंगे, तब तक हादसों पर रोक लगाना मुश्किल होगा।