
रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड के जलई ग्रामसभा में तीन नाबालिग लड़कियों की शादी होने जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही वन स्टॉप सेंटर की टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवा दी। परिजनों को सख्त चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में दोबारा ऐसा किया गया तो कानूनी कार्रवाई होगी।
सूचना मिलने के बाद टीम ने परिजनों को समझाया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। वन स्टॉप सेंटर की टीम अब तक जिले में दस बाल विवाह रोक चुकी है।
जखोली और ऊखीमठ क्षेत्र में पहले ही सात बाल विवाह रोके जा चुके हैं, जिससे यह साफ हो रहा है कि जिले में बाल विवाह के कई मामले अब भी प्रशासन की नजरों से बच रहे हैं। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दें और शादी की कानूनी उम्र के बाद ही विवाह करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।