
उत्तराखंड में विधायकों को मंत्री बनाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने की कोशिश करने वाले गिरोह के सरगना गौरवनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हाईस्कूल पास गौरवनाथ को महंगे शौक थे, जिन्हें पूरा करने के लिए उसने ठगी का रास्ता अपनाया। क्लबों में जाना, महंगी शराब पीना और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर यह साजिश रची।
पुलिस जांच में सामने आया कि गौरवनाथ और उसके साथियों ने 26 जनवरी को ठगी की योजना बनाई थी। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मणिपुर, ओडिशा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर निकाले। विकिपीडिया से विधायकों की पूरी जानकारी जुटाई और इंटरनेट से राजनीतिक गतिविधियों का विश्लेषण किया। इसके बाद विधायकों को मंत्री बनाने का ऑफर देकर उनसे करोड़ों रुपये ऐंठने की योजना बनाई गई। यदि वे पैसे देने से इनकार करते, तो उन्हें बदनाम करने की धमकी दी जाती।
गौरवनाथ पहले भी नासिक पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। 35 लाख रुपये की ठगी के मामले में उसे हिरासत में लिया गया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद भी उसने अपराध करना नहीं छोड़ा।
रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा को 13 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को गृह मंत्री अमित शाह का बेटा जय शाह बताया और मंत्री बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये मांगे। विधायक को पांच बार कॉल की गई। इस पर विधायक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद 18 फरवरी को पुलिस ने गाजियाबाद के खोडा कॉलोनी निवासी उवैश अहमद को गिरफ्तार किया। उसका साथी प्रियांशु पंत पहले ही हरिद्वार पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका था। लेकिन गिरोह का मास्टरमाइंड गौरवनाथ पुलिस के हाथ नहीं लग रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी रही और आखिरकार उसे दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि गौरवनाथ को दिल्ली स्पेशल सेल की टीम ने पिछले साल ही ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। वह ढाई महीने जेल में रहा, जहां उसने अपने साथी कैदियों से ठगी के नए-नए तरीके सीखे। जेल से छूटने के बाद उसने अपने पुराने साथियों से संपर्क तोड़कर नया गैंग बना लिया। उसने प्रियांशु पंत को इसलिए अपने साथ मिला लिया क्योंकि उसकी आवाज बहुत अच्छी थी, जिससे वह विधायकों को आसानी से विश्वास में ले सकता था।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गौरवनाथ बेहद शातिर अपराधी है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने कई जगह दबिश दी। उसकी गिरफ्तारी के बाद एसएसपी ने रंपुरा चौकी इंचार्ज गणेश दत्त भट्ट को पांच हजार रुपये का नकद इनाम दिया। पूरी पुलिस टीम को अपराध समीक्षा बैठक में पुरस्कृत किया जाएगा।
गौरवनाथ की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी जल्द ही पहचान कर ली जाएगी। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और आगे की जांच जारी है।