
बागेश्वर जिले की 26 वर्षीय गर्भवती महिला कविता भट्ट को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि उसके गर्भ में पल रहे 37 सप्ताह के शिशु की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन महिला रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण उसे 70 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा बेस अस्पताल रेफर कर दिया गया।
अल्मोड़ा पहुंचने पर स्थिति जस की तस रही और वहां भी सुविधाओं के अभाव में उसे 90 किलोमीटर दूर हल्द्वानी भेज दिया गया। सोमवार रात हल्द्वानी पहुंचने के बाद भी मंगलवार शाम तक ऑपरेशन नहीं हो सका। आखिरकार, देर शाम डॉक्टरों ने सर्जरी कर मृत शिशु को निकाला और महिला की जान बचाई।
यह घटना पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति को उजागर करती है, जहां मरीजों को जरूरी इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। स्थानीय अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी और समुचित चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों और उन महिलाओं के दर्द को दर्शाती है जो हर साल ऐसी कठिनाइयों से गुजरती हैं।