
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भीषण हिमस्खलन के बाद चलाया गया बचाव अभियान 60 घंटे के अथक प्रयासों के बाद समाप्त कर दिया गया है। इस ऑपरेशन में 46 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 मजदूरों की मौत हो गई। रविवार को लापता चार मजदूरों के शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या आठ हो गई। इससे पहले शनिवार को चार मजदूरों के शव मिले थे।
माणा क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के कारण भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें निर्माण कार्य में लगे कई मजदूर बर्फ के नीचे दब गए। घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की 200 से अधिक सदस्यों की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
शुरुआती दौर में भारी बर्फबारी और रास्ते बंद होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आईं। हालांकि, ड्रोन, रडार और भारी मशीनरी की मदद से अभियान को तेज किया गया।
हादसे में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मजदूरों की जान गई। मृतकों के नाम इस प्रकार हैं:
- मोहेंदर पाल (हिमाचल प्रदेश)
- हरमेश चंद्र (हिमाचल प्रदेश)
- जितेंद्र सिंह (उत्तर प्रदेश)
- मंजीत यादव (उत्तर प्रदेश)
- आलोक यादव (उत्तर प्रदेश)
- अशोक पासवान (उत्तर प्रदेश)
- अनिल कुमार (उत्तराखंड)
- अरविंद कुमार सिंह (उत्तराखंड)
सरकार ने किया सहायता का आश्वासन
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि सभी लापता मजदूरों को खोज लिया गया है और मृतकों के परिजनों को शव सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सरकार ने मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही, इस घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।