
मुंबई: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की महिला प्रदेश अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने एक विवादित मांग रखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि महिलाओं को एक हत्या करने की कानूनी छूट दी जाए ताकि वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें।
रोहिणी खडसे ने अपने पत्र में लिखा,
हमारा देश शांति और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी और महात्मा बुद्ध के विचारों पर चलता है। लेकिन, मौजूदा समय में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने उन्हें असुरक्षित बना दिया है। बलात्कार, घरेलू हिंसा, दमन और अन्य अपराधों के मामलों में भारत एशिया का सबसे असुरक्षित देश बन चुका है।
उन्होंने हाल ही में मुंबई में 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का जिक्र करते हुए कहा कि जब देश की आर्थिक राजधानी में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो बाकी राज्यों की हालत क्या होगी? उन्होंने आगे लिखा,
“हमें बलात्कारी प्रवृत्ति, दमनकारी मानसिकता और लचर कानून व्यवस्था को खत्म करने का अधिकार मिलना चाहिए। कृपया हमारी इस मांग को स्वीकार करें और इसे महिला दिवस का उपहार समझें।”
महिला सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र में शक्ति अधिनियम को लागू करने की मांग को लेकर एनसीपी (शरद पवार गुट) ने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठक चल रही थी।
प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कानून लागू करने की मांग की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें मालाबार हिल पुलिस स्टेशन ले जाया गया।
रोहिणी खडसे के इस पत्र के बाद राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने उनके बयान की निंदा की है, जबकि महिला संगठनों ने इस मांग का समर्थन किया है। अब देखना यह होगा कि इस विवादित मांग पर सरकार और राष्ट्रपति भवन का क्या रुख रहता है।