
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल नैनीताल और कॉर्बेट नेशनल पार्क इन दिनों साइबर ठगों के निशाने पर हैं। फर्जी वेबसाइटों के जरिए ठग पर्यटकों से होटल बुकिंग के नाम पर एडवांस पेमेंट लेकर उन्हें चूना लगा रहे हैं। ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों से होटल कारोबारियों और पर्यटकों की परेशानी बढ़ गई है।
साइबर अपराधी असली होटलों की हूबहू नकली वेबसाइट बनाकर असली तस्वीरें और विवरण जोड़ देते हैं। इन फर्जी वेबसाइटों पर ठग नकली फोन नंबर और पेमेंट गेटवे डालते हैं। जब कोई पर्यटक बुकिंग के लिए संपर्क करता है, तो ठग एडवांस पेमेंट मांगते हैं। जैसे ही पैसे ट्रांसफर होते हैं, नंबर बंद कर दिया जाता है। पर्यटक जब असली होटल में पहुंचते हैं, तो उन्हें ठगी का अहसास होता है।
नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे होटल व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने पर्यटकों से सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइटों या विश्वसनीय ट्रैवल पोर्टल्स से ही बुकिंग करने की अपील की है।
कॉर्बेट रिसॉर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिमान सिंह ने भी आगाह किया कि अंजान लिंक पर क्लिक न करें, होटल के लैंडलाइन नंबर पर ही संपर्क करें और एडवांस पेमेंट से पहले होटल से कंफर्म करें।
नैनीताल पुलिस लगातार साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और अब तक कई फर्जी वेबसाइटों को ब्लॉक किया जा चुका है। संदिग्ध नंबरों की जांच की जा रही है।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी पर्यटकों से सतर्क रहने की अपील की और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से ही बुकिंग करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी की शिकायत पर FIR दर्ज की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
ऑफिशियल वेबसाइट या विश्वसनीय ट्रैवल पोर्टल से ही बुकिंग करें।
बैंक ट्रांजेक्शन से पहले होटल से फोन कर पुष्टि करें।
अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।
यदि ठगी हो जाए तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।