
देहरादून और हरिद्वार में कुट्टू के आटे से बनी खाद्य सामग्री खाने के बाद 300 से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए थे। यह पहली बार नहीं है जब कुट्टू के आटे से फूड पॉइजनिंग के मामले सामने आए हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाते हुए नए नियम लागू किए हैं।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) उत्तराखंड ने आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि अब कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के कुट्टू का आटा नहीं बेच सकेगा। साथ ही, केवल सीलबंद पैकेट में ही कुट्टू का आटा बिकेगा। खुले में कुट्टू का आटा बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अब किन नियमों का पालन करना होगा?
- खुले में कुट्टू का आटा बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
- केवल सीलबंद पैकेट में ही बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
- पैकेट पर पिसाई की तारीख, पैकेजिंग डेट और एक्सपायरी डेट अनिवार्य होगी।
- प्रत्येक पैकेट पर विक्रेता की खाद्य लाइसेंस संख्या दर्ज करना अनिवार्य होगा।
- खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड दुकानदार को रखना होगा।
FDA आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि इन नियमों का पालन न करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वह नियमित निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि बाजार में सिर्फ प्रमाणित और सुरक्षित कुट्टू का आटा ही बिके।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में देहरादून, हरिद्वार और अन्य जिलों में कुट्टू के आटे की मिलावट के चलते फूड पॉइजनिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पहले ही सख्ती बरतने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।