
रामनगर: तराई पश्चिमी वन प्रभाग के गुलजारपुर चौकी के तत्कालीन वन दरोगा शैलेंद्र कुमार चौहान को भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने बुधवार को उसे तीन साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। 2019 में रामनगर की कोसी नदी से रेता ढोने वाले एक डंपर को वन विभाग ने पकड़ा था। इसे छोड़ने के एवज में दरोगा शैलेंद्र कुमार चौहान ने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ऊधमसिंह नगर के काशीपुर निवासी फईम अहमद ने इस रिश्वतखोरी की शिकायत विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में की थी।
शिकायत की जांच निरीक्षक राम सिंह मेहता ने की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद ट्रैप टीम ने 2 अप्रैल 2019 को शैलेंद्र चौहान को फईम अहमद से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। मामले में अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने 15 गवाह पेश किए। सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) नीलम रात्रा की अदालत ने शैलेंद्र कुमार चौहान को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।