नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने एक खास मेडिसनल हर्बल चाय तैयार की है, जो न सिर्फ स्वाद और खुशबू से भरपूर है, बल्कि सेहत का भी पूरा ख्याल रखती है। इस हर्बल चाय की तीन अलग-अलग किस्में तैयार की गई हैं, जिनमें कोलेस्ट्रॉल और शुगर को कम करने की ताकत है। साथ ही ये चाय शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को भी खत्म करने में मदद करती है। यह चाय अब पेटेंट के लिए भेजी जा चुकी है।
हल्द्वानी के रहने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष ने बताया कि करीब एक साल पहले विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने ‘एक विश्वविद्यालय-एक शोध’ अभियान के तहत सभी शिक्षकों से नए शोध के सुझाव मांगे थे। तब उन्होंने उत्तराखंड की जड़ी-बूटियों से हर्बल चाय बनाने का सुझाव दिया, जो कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत को पसंद आया। इसके बाद इस पर शोध शुरू हुआ और तीन प्रकार की हर्बल चाय तैयार की गई।
इस चाय को खास बनाने के लिए इसमें करीब 40 तरह की औषधीय वनस्पतियों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें बुरांश, सिकोरियम, जंगली गुलाब, पैरिला, ब्रह्मी, कुटकी, लाइकेन, भंगीरा और पुर्ननवा जैसी औषधियां शामिल हैं। इन सभी का मिश्रण इस तरह किया गया है कि चाय का स्वाद और सुगंध दोनों अच्छे बने रहें, ताकि लोग इसे नियमित रूप से पी सकें।
डॉ. संतोष ने बताया कि अब तक जो हर्बल चाय बाजार में मिलती है, उसका स्वाद काफी फीका होता है, लेकिन उन्होंने इस चाय को ऐसा बनाया है कि यह स्वादिष्ट भी हो और शरीर के लिए फायदेमंद भी। उनका मानना है कि आने वाले समय में यह चाय स्वास्थ्य के साथ स्वाद का भी बेहतर विकल्प बन सकती है।