
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने के बाद हल्द्वानी के ग्रामीण इलाके से लिव-इन रिलेशनशिप का पहला आधिकारिक रजिस्ट्रेशन सामने आया है। एसडीएम परितोष वर्मा ने खुद इस ऐतिहासिक रजिस्ट्रेशन की पुष्टि की है।बताया गया कि यह कुमाऊं मंडल का पहला केस है, जिसमें एक विधवा महिला—जो एक बच्चे की मां भी है—ने अपने साथी के साथ नए कानून के तहत लिव-इन रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह रजिस्ट्रेशन शुक्रवार को संपन्न हुआ।
UCC के तहत अब शादियों के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप को भी कानूनी रूप से दर्ज कराना अनिवार्य हो गया है। ऑनलाइन आवेदन के बाद 30 दिनों के भीतर प्रशासन द्वारा इसे स्वीकृति या अस्वीकृति दी जाती है। यह कदम न केवल समाजिक पारदर्शिता की दिशा में बड़ा बदलाव है, बल्कि आने वाले समय में उत्तराखंड की सामाजिक संरचना में नई शुरुआत का संकेत भी दे रहा है।