
एक बार फिर चिड़ियाघर शटल सेवा की शुरुआत कर दी गई है। इस बार यह सेवा पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिए संचालित होगी, जिससे शहर में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। लंबे समय से बंद पड़ी इस सेवा को सोमवार को फिर से शुरू किया गया। इसका उद्घाटन नगर पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल और अधिशासी अधिकारी दीपक गोस्वामी ने संयुक्त रूप से किया। दोनों अधिकारियों ने ई-वाहन में बैठकर इसका ट्रायल भी किया और इसके बाद इसे पर्यटकों और आम लोगों के लिए खोल दिया गया।
शुरुआत में चार इलेक्ट्रिक वाहनों से यह सेवा चलाई जा रही है, जिनमें से प्रत्येक में चालक सहित चार लोग यात्रा कर सकते हैं। इस सेवा के तहत मुख्य शहर से चिड़ियाघर तक की खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता तय किया जाएगा जो आमतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए बेहद कठिन होता है। एक व्यक्ति के लिए एक चक्कर का किराया 70 रुपये रखा गया है। नगर प्रशासन का कहना है कि जैसे-जैसे पर्यटन सीजन में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, वैसे ही ई-वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी ताकि किसी को भी लंबा इंतजार न करना पड़े।
गौरतलब है कि जू शटल सेवा का पिछला टेंडर 31 मई 2023 को खत्म हो गया था, और इसके बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने के कारण नया टेंडर नहीं निकाला जा सका। इस वजह से पर्यटकों को चिड़ियाघर तक पैदल चढ़ाई करनी पड़ रही थी, जो काफी थकाऊ और कठिन था। शटल सेवा की दोबारा शुरुआत से अब यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।
शटल सेवा के शुभारंभ पर नगर पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल ने कहा कि नैनीताल एक पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र है और ई-वाहनों के जरिए हम ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों समस्याओं से राहत पा सकते हैं। वहीं अधिशासी अधिकारी दीपक गोस्वामी ने बताया कि जल्द ही हाईकोर्ट की अनुमति मिलने के बाद और अधिक ई-वाहनों को सेवा में जोड़ा जाएगा ताकि चिड़ियाघर तक पहुंचने में किसी भी पर्यटक को असुविधा न हो।
गोविंद बल्लभ पंत चिड़ियाघर समुद्र तल से लगभग 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां तक पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता पार करना होता है। ऐसे में ई-शटल सेवा न सिर्फ पर्यटकों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी बेहतर बनाएगी।