बागेश्वर/उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में जहां भीषण गर्मी लोगों को परेशान कर रही है, वहीं पहाड़ी जिलों में बारिश और आकाशीय बिजली ने कहर बरपा दिया है। बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लॉक स्थित जगथाना, पोथिंग और तोली गांवों में शनिवार को अचानक मौसम ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि तीन ग्रामीणों की जिंदगी भर की मेहनत कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई।
तेज बारिश और गरज के साथ गिरी आकाशीय बिजली ने इन गांवों में चर रही बकरियों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते कुल 41 बकरियां मौके पर ही दम तोड़ गईं। वहीं कई बकरियां अब भी लापता हैं, जिन्हें ग्रामीण लगातार खोज रहे हैं।
पशुपालन विभाग ने मृत बकरियों का पोस्टमॉर्टम कर लिया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। तहसीलदार देवेंद्र कुमार लोहनी ने बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और पीड़ितों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ मवेशियों की नहीं, उनकी रोज़ी-रोटी की मौत है। इस हादसे ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया है।
पिछले 48 घंटे से पहाड़ी जिलों में रुक-रुक कर हो रही बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं से डर का माहौल बना हुआ है। दो दिन पहले चमोली के नंदप्रयाग में बादल फटा था, और उसके एक दिन पहले थराली में बारिश ने भारी तबाही मचाई थी।
प्राकृतिक आपदाएं कब और कैसे कहर बनकर टूट पड़ें, कोई नहीं जानता, लेकिन इन घटनाओं ने एक बार फिर पहाड़ की संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है।