नैनीताल में इस वक्त मौसम बेहद सुहावना है। चारों ओर हरियाली, ठंडी हवा और नैनी झील का दिलकश नज़ारा… लेकिन इन सबके बीच अगर कुछ खल रहा है, तो वो है भीड़, अव्यवस्था और बढ़ती महंगाई।
गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही देशभर से हज़ारों सैलानी नैनीताल का रुख कर रहे हैं। लेकिन यहां पहुंचते ही उन्हें जन्नत जैसा महसूस नहीं हो रहा, बल्कि होटल के दाम सुनकर और घंटों के ट्रैफिक जाम में फंसकर हर किसी के माथे पर पसीना छलक आया है।
होटल वाले कर रहे मनमानी, बजट रूम भी फाइव स्टार रेट पर
रोज़ाना बढ़ती भीड़ के चलते शहर के होटल पहले ही फुल हो चुके हैं। जो कमरे उपलब्ध हैं, उनके रेट आम सैलानियों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। एक सामान्य रूम भी हजारों में मिल रहा है, जिससे पर्यटक परेशान हैं।
टैक्सी किराया भी पहुंचा आसमान पर
हल्द्वानी से नैनीताल तक आने-जाने का किराया अब ₹300 से ₹500 तक वसूला जा रहा है। टैक्सियों की संख्या भी कम है, ऐसे में सैलानियों को लंबा इंतज़ार झेलना पड़ रहा है।
बसें फुल, सीट के लिए मारामारी
रोडवेज़ बस स्टैंड पर दिल्ली, बरेली और हल्द्वानी से आने वाली बसों में बैठने की जगह मिलना भी मुश्किल हो गया है। लोग घंटों कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं। कई यात्रियों को तो खड़े-खड़े सफर करना पड़ा।
रविवार को शहर की सड़कें बनीं पार्किंग, हर मोड़ पर लगा जाम
बल्दियाखान, कैंचीधाम, खुरपाताल, भवाली और भीमताल की ओर जाने वाले रास्तों पर दिनभर जाम लगा रहा। स्थानीय लोगों को भी घर से निकलने में परेशानी झेलनी पड़ी। अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था भी भीड़ के सामने फीकी साबित हो रही है।
प्रशासन से नाराज़ व्यापारियों ने मांगा हल
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि हालात संभालने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं। वरना पर्यटकों की ये भीड़ नैनीताल की सुंदरता और सुकून को लील जाएगी।