हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत लालकुआं-बरेली रेल मार्ग पर एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। सोमवार देर रात एक नर हाथी ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के मुक्तिधाम के पास हुआ, जिसे हाथी कॉरिडोर क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। हादसे के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है और विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि रात करीब 11 बजे जंगल से निकला एक हाथी रेलवे लाइन पार कर रहा था, तभी तेज रफ्तार से आ रही आगरा फोर्ट एक्सप्रेस ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हाथी ट्रैक से उछलकर एक घर के पास जा गिरा। घटना के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के एसडीओ अनिल जोशी ने पुष्टि की कि यह हादसा आगरा फोर्ट ट्रेन से हुआ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ट्रेनों की अधिकतम गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित है, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ट्रेन निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार में थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रेन चालक के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौर करने वाली बात यह है कि यही इलाका पहले भी ऐसे हादसों का गवाह बन चुका है। 14 दिसंबर 2023 को इसी ट्रैक पर एक हाथी और उसके बच्चे की मौत ट्रेन से कटकर हुई थी। इससे पहले 20 फरवरी 2022 और 17 दिसंबर 2022 को भी इसी रेल मार्ग पर हाथियों की मौतें हो चुकी हैं। यह क्षेत्र वन्यजीव कॉरिडोर के अंतर्गत आता है, और यहां हाथियों की आवाजाही सामान्य है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लालकुआं-बरेली और रामपुर रेल मार्गों के कई हिस्से जंगलों से होकर गुजरते हैं और इन्हें हाथी कॉरिडोर क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके बावजूद कई बार रेलवे द्वारा तय की गई रफ्तार सीमा का पालन नहीं किया जाता, जिसके चलते ऐसी दुखद घटनाएं सामने आती हैं। इस विषय पर रेलवे और वन विभाग के बीच कई बार बैठकों में सहमति बनी, लेकिन अमल में लापरवाही बरती जा रही है।