रामबन/जम्मू — जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में रविवार तड़के कुदरत का ऐसा कहर टूटा जिसने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। लगातार हो रही मूसलधार बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।
सबसे बड़ा हादसा रामबन के सेरी बागना गांव में हुआ, जहाँ भीषण बारिश के बीच बादल फट गया, और बाढ़ जैसे हालात बन गए। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब दो सगे भाई शामिल हैं। इन मौतों के साथ ही बीते दो दिनों में जम्मू क्षेत्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कुल पांच लोग जान गंवा चुके हैं।
धरम कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ ने करीब 40 रिहायशी घरों को नुकसान पहुंचाया, कई वाहन पानी में बह गए। नदी-नाले उफान पर हैं, और कई परिवारों ने रात सड़क किनारे गुजारी। बच्चों और बुजुर्गों की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को नाशरी और बनिहाल के बीच भूस्खलन और पत्थर गिरने की वजह से दोनों ओर से बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि मौसम साफ होने और मार्ग बहाल होने तक यात्रा से बचें।
राहत और बचाव कार्य जारी है। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने अब तक 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। लेकिन दुर्गम इलाकों, लगातार बारिश और गिरते पत्थरों के बीच राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने तेज़ी से कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की है।