
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक महिला ने अपने नवजात शिशु को जन्म देने के बाद कथित रूप से गोबर के ढेर में दफना दिया। इस घटना ने न सिर्फ मानवता को झकझोरा है, बल्कि समाज के सामने कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
घटना बीते बुधवार की बताई जा रही है। गांव की एक विधवा महिला ने अपने घर में एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन इस बात की जानकारी किसी को नहीं दी। गांव की कुछ महिलाओं को उसकी शारीरिक स्थिति और व्यवहार संदिग्ध लगे, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचित किया।
सूचना मिलने पर नंदानगर थाना पुलिस ने गुरुवार को मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। थानाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत के अनुसार, पूछताछ के दौरान महिला ने स्वीकार किया कि उसने नवजात को घर के पास गोबर के ढेर में दबा दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात का शव बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल गोपेश्वर भेजा गया। महिला को हिरासत में ले लिया गया है।
बताया जा रहा है कि महिला के पति की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी है और वह पहले से तीन बच्चों की मां है। नवजात के जन्म ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर यह कि बच्चे का पिता कौन है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है, लेकिन फिलहाल महिला ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
मानवता की मिसाल: पार्षदों ने किया अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद जब नवजात का शव अस्पताल में पड़ा रहा और कोई परिजन आगे नहीं आया, तब सुभाषनगर के पार्षद सूर्य प्रकाश पुरोहित और पाडुली के पार्षद दीपक बिष्ट ने आगे आकर एक मिसाल पेश की। दोनों पार्षदों ने नवजात का अंतिम संस्कार कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय दिया।
यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है कि हमें अपने आसपास के लोगों के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक हालात पर अधिक संवेदनशीलता से ध्यान देने की जरूरत है।