
देहरादून — उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने यह निर्णय निजी (पारिवारिक) कारणों से लिया है। हालांकि, इस इस्तीफे पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही माना जाएगा। फिलहाल राज्य सरकार के पास यह मामला लंबित है।
बताया जा रहा है कि रचिता जुयाल ने कुछ दिन पहले मुख्य सचिव कार्यालय को इस्तीफे से जुड़ा पत्र सौंपा था, जिसकी प्रति पुलिस महानिदेशक को भी भेजी गई है।
विशेष बात यह है कि रचिता जुयाल हाल ही में विजिलेंस विभाग में एसपी के पद पर कार्यरत थीं। उनके कार्यकाल में विजिलेंस की ओर से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग के एक दारोगा को ट्रैप किया गया था, जिससे विभाग में हलचल मच गई थी। आईएसबीटी चौकी प्रभारी के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कदम माना गया।
SP विजिलेंस रहते हुए रचिता ने कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयों को अंजाम दिया, जिससे आमजन में विजिलेंस की साख मजबूत हुई और सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति को सराहना मिली। ऐसे समय में उनका अचानक इस्तीफा देना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में विजिलेंस विभाग में कुछ फेरबदल भी किए गए थे, जिनमें एएसपी मिथिलेश कुमार का ट्रांसफर शामिल था। इन बदलावों और अब रचिता के इस्तीफे ने विभागीय हलकों में चर्चाओं को तेज कर दिया है।
फिलहाल रचिता जुयाल के इस फैसले को पूरी तरह पारिवारिक कारण बताया जा रहा है, लेकिन उनके विजिलेंस कार्यकाल में हुई सक्रियता और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख को देखते हुए यह इस्तीफा कई अटकलों को जन्म दे रहा है।