हल्द्वानी: उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, लेकिन हल्द्वानी में यह सुविधा लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। डहरिया क्षेत्र के दो उपभोक्ताओं को लाखों रुपये के बिजली बिल मिले हैं, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। फिलहाल विद्युत विभाग ने इन मामलों में बिलों को संशोधित कर दिया है, लेकिन सवाल अब स्मार्ट मीटर की विश्वसनीयता पर उठने लगे हैं।
सीएमटी कॉलोनी निवासी भवानी राम को पांच महीने पहले नया स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पहले जहां उन्हें हर महीने करीब ₹1000 से ₹2000 तक का बिल आता था, वहीं अब अचानक ₹2.62 लाख का बिल भेजा गया, जिसे देखकर उनके होश उड़ गए। हैरानी की बात यह है कि भवानी राम के सामने रहने वाले एक अन्य उपभोक्ता को ₹23 लाख 12 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया।
इस पर विद्युत विभाग का कहना है कि यह गड़बड़ी पुराने मीटर की रीडिंग को लेकर आई तकनीकी समस्या के कारण हुई। अधिशासी अभियंता बेगराज सिंह ने बताया कि ₹2.63 लाख के बिल की शिकायत उनके पास आई थी, जिसे ठीक कर दिया गया है। हालांकि, ₹23 लाख के बिल का मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभागीय रिकॉर्ड में इस तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। प्रथम दृष्टया जांच में यह सामने आया है कि उपभोक्ता को मिले मैसेज में छेड़छाड़ की गई हो सकती है, ऐसे में यदि यह प्रमाणित होता है तो संबंधित उपभोक्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ताओं में नाराज़गी और आशंका
जिन उपभोक्ताओं को ये भारी-भरकम बिल मिले हैं, वे अब स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि इससे पहले उनके घरों का बिल हमेशा ₹1000 से ₹1500 के बीच आता रहा है, लेकिन अब स्मार्ट मीटर के बाद लाखों का बिल मिलना किसी धोखे से कम नहीं।
विभाग ने दी सफाई
ऊर्जा निगम के अनुसार, पुराने मीटर से स्मार्ट मीटर में बदलाव के दौरान कुछ तकनीकी गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे कुछ उपभोक्ताओं को गलत बिल मिले हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि सभी गड़बड़ियों को ठीक कर उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान किया जा रहा है।