देहरादून। उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक गरज के साथ तीव्र बौछारें पड़ने की संभावना है। कुमाऊं क्षेत्र में लगातार बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भूस्खलन की घटनाओं से कई मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे आम लोगों और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पर्वतीय जिलों में चारधाम यात्रा मार्गों पर भी अवरोध उत्पन्न होने की आशंका जताई गई है।
राज्य आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में 33 सड़कें मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो चुकी हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जोशीमठ से आगे पिनौला घाट के पास मलबा आने के कारण बड़े वाहनों के लिए यातायात बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, पीएमजीएसवाई की 24 और लोक निर्माण विभाग की 6 सड़कें भी बंद हैं। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज ने उत्तराखंड के आठ जिलों — टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, देहरादून, नैनीताल, चंपावत, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में गुरुवार सुबह 5 बजे तक बाढ़ की आशंका जताई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी संबंधित जिलों को सतर्क रहने और आवश्यक तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने बागेश्वर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं देहरादून, टिहरी, चमोली, चंपावत और पिथौरागढ़ में भी गरज चमक और भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने जानकारी दी है कि राज्य में अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। बुधवार को भी देहरादून समेत कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश हुई।