नैनीताल: नैनीताल जिले से कुछ किलोमीटर दूर बसे सौलिया और तल्ला कुण गाँव के लोगों ने इस बार पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से सड़क न बनने की वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय ही वादे करते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं।
लगभग 4 किलोमीटर लंबा कच्चा रास्ता अब भी मुख्य मार्ग से इन गाँवों को जोड़ता है, जिस पर आज तक पक्की सड़क नहीं बन सकी है। ग्रामीणों का कहना है कि मरीजों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को आए दिन खतरनाक पथरीले रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार तो मरीजों को डोली या घोड़े पर बिठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।
सामान और सब्जियाँ आदि नजदीकी बाजारों तक पहुँचाने में बहुत परेशानी होती है, जिससे उनका नुकसान भी होता है। वहीं रोजमर्रा के कामों के लिए उन्हें 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए पंचायत चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 2021 की अतिवृष्टि में उनकी पेयजल पाइपलाइन, सिंचाई की नहर और गांव का पुल बह गया था। कई घर खतरे की जद में हैं और बिजली के खंभे खुले नालों में लटके हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक सुध नहीं ली। 2023 में रूसी एसटीपी के एक हिस्से के टूटने से भी गांव को खतरा बना हुआ है।
इस बार ग्रामीणों का धैर्य टूट चुका है और उन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर आंदोलन की राह पकड़ने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि जब तक मोटरमार्ग नहीं बनता, तब तक किसी भी नेता को वोट नहीं दिया जाएगा।