
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है, जिसके तहत फर्जी बाबाओं, पीर-फकीरों और ढोंगी तांत्रिकों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में चलाए गए इस अभियान के तहत अब तक 300 से ज्यादा संदिग्ध बाबाओं को चिह्नित कर थानों में लाया गया, जिनमें कई के खिलाफ मुकदमे और चालान की कार्रवाई की गई है।
कुमाऊं की आईजी रिद्धिमा अग्रवाल ने जानकारी दी कि ये सभी लोग धार्मिक आस्था, चमत्कार और अंधविश्वास के नाम पर लोगों को ठग रहे थे। अभियान के दौरान पकड़े गए संदिग्धों में किसी के पास पहचान पत्र नहीं था, और न ही कोई वैध दस्तावेज मिले। सभी का सत्यापन और दस्तावेजों की गहन जांच की गई, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि ये लोग लंबे समय से बिना वैध पहचान और प्रमाण के क्षेत्र में सक्रिय थे।
अभियान के तहत नैनीताल जिले में 54 ढोंगी बाबाओं को चिह्नित कर थाने लाया गया, जिनमें से एक दर्जन से अधिक पर चालान, जबकि पांच को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया है। कई बाबाओं के पास कोई पहचान या सत्यापन दस्तावेज नहीं पाए गए।
आईजी ने साफ किया है कि यह अभियान यहीं नहीं रुकेगा। सभी थानों और पुलिस चौकियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई व्यक्ति बाबा या पीर बनकर लोगों को भ्रमित करता पाया जाए, तो तुरंत उसकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए। जिलावार कार्रवाई का विवरण इस प्रकार है नैनीताल: 134 संदिग्ध, उधम सिंह नगर: 97, अल्मोड़ा: 33, बागेश्वर: 36, पिथौरागढ़: 2. प्रदेशभर में इस सख्त अभियान के चलते अब ऐसे लोगों की पकड़ तेज हो गई है, जो धर्म और आस्था की आड़ में लोगों को गुमराह कर रहे थे।