
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। प्रदेश के पर्वतीय और मैदानी दोनों इलाकों में लोकतंत्र का उत्सव पूरे जोश के साथ मनाया गया। मौसम की चुनौती के बावजूद मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वोटिंग बूथों पर लंबी कतारों में खड़े नजर आए।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में कुल 70% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें खास बात यह रही कि महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कहीं ज्यादा रही। महिलाओं का मतदान प्रतिशत 74.50% रहा, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 65.50% पर ही थम गया।
सुबह 8 बजे शुरू हुआ मतदान शाम तक 4709 मतदान केंद्रों पर चला। कुल 21,57,199 मतदाता इस चरण में पंजीकृत थे, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदारी निभाई।
पर्वतीय जिलों में बारिश की चुनौती के बीच भी जोश कायम
उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जैसे जिलों में बारिश ज़रूर हुई, लेकिन मतदाताओं का हौसला कम नहीं हुआ। खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में वोट डालने पहुंचीं और यह साफ दिखा कि ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक जागरूकता तेजी से बढ़ रही है।
मैदानी जिलों में भी रिकॉर्डतोड़ वोटिंग
देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जैसे जिलों में भी मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। ऊधमसिंह नगर में सबसे अधिक 84.26% मतदान दर्ज किया गया, जबकि राजधानी देहरादून में भी 77.25% वोटिंग हुई, जो पहले की तुलना में बेहतर मानी जा रही है।
14,751 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद
दूसरे चरण में 14,751 प्रत्याशी मैदान में थे। सभी की किस्मत अब मतपेटियों में बंद हो चुकी है। इससे पहले पहले चरण में 17,829 उम्मीदवार मैदान में थे। अब सभी की निगाहें 31 जुलाई को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं, जो सुबह 8 बजे से शुरू होगी।
जिलावार मतदान प्रतिशत (देर शाम तक)
जिला | मतदान प्रतिशत |
---|---|
उत्तरकाशी | 75.96% |
पौड़ी गढ़वाल | 69.27% |
टिहरी | 60.05% |
देहरादून | 77.25% |
चमोली | 66.47% |
चंपावत | 70.21% |
नैनीताल | 76.07% |
अल्मोड़ा | 58.20% |
ऊधमसिंह नगर | 84.26% |
पिथौरागढ़ | 64.90% |
पिछली बार से थोड़ी कम लेकिन उम्मीद अब भी बरकरार
जहाँ पहले चरण में 68% मतदान हुआ था, वहीं इस बार दूसरा चरण थोड़ा आगे रहा। हालांकि 2019 के पंचायत चुनाव में कुल 69.59% मतदान हुआ था, लेकिन अंतिम आंकड़ों के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस बार जनता का उत्साह कितनी दूर तक गया।
अब प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को 31 जुलाई का बेसब्री से इंतजार है, जब नतीजों से तय होगा कि पंचायत की कमान किसके हाथ जाएगी।