
हल्द्वानी। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में किसानों की जमीन बचाने के लिए गौला नदी किनारे करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए बाढ़ सुरक्षा तटबंध और चेकडैम पहली ही बारिश में क्षतिग्रस्त हो गए। बरसात से पहले बने ये संरचनाएं नदी के हल्के बहाव को भी नहीं झेल पाईं, जिससे ग्रामीणों ने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात में गौला नदी उफान पर आती है और नदी किनारे बसे गांवों में भू-कटाव से भारी नुकसान होता है। पहले भी कई घर और खेत नदी में समा चुके हैं, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला। इस बार तटबंध और चेकडैम पहली ही बारिश में बहने से नाराज ग्रामीण लालकुआं तहसील में प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
मामले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। शिकायत मिलने के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। उप जिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल शाह ने बताया कि जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देश पर वन विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य एजेंसियों की संयुक्त कमेटी बनाई जा रही है, जो जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी।
गौरतलब है कि गौला नदी हर मानसून में लालकुआं और आसपास के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी भू-कटाव और नुकसान का कारण बनती है। दशकों से तटबंध और चेकडैम निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन उनकी टिकाऊपन पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।