नैनीताल में पर्यटन सीजन को सुचारु और पर्यटकों के अनुकूल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। गुरुवार को जिलाधिकारी वंदना की अध्यक्षता में नैनीताल क्लब सभागार में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें पर्यटन, प्रशासन, पुलिस, परिवहन और व्यापार से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में तय किया गया कि इस सीजन में पर्यटकों की समस्याओं और शिकायतों को त्वरित तरीके से हल करने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, ओवररेटिंग, अव्यवस्थित टैक्सी संचालन और पर्यटकों से दुर्व्यवहार जैसी समस्याओं पर नजर रखने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी। यह टास्क फोर्स शहर में निगरानी रखेगी और अनियमितता पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करेगी।
पर्यटक वाहनों की अधिक भीड़ से शहर में जाम की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए प्रशासन ने शटल सेवा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस बार रानीबाग और गौलापार से बड़े शटल वाहनों का संचालन ट्रायल के तौर पर शुरू किया जाएगा। यह व्यवस्था नैनीताल, भवाली, भीमताल और कैंची धाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए लागू की जाएगी। हल्द्वानी और कालाढूंगी रोड से आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न पॉइंट्स से शटल सेवाएं चलाई जाएंगी, ताकि वाहनों का सीधा दबाव मुख्य शहरों पर न पड़े।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि कैंची धाम बाइपास और मोटर पुल के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। साथ ही, रुसी बाइपास को वैकल्पिक मार्ग के रूप में तैयार करने के लिए पुराने निर्माणों को हटाकर सड़क को मजबूत बनाया जाए और वहां बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं।
बैठक में मौजूद अधिकारियों और संगठनों ने शहर की प्रमुख समस्याओं पर भी ध्यान दिलाया, जैसे कि अवैध टैक्सी संचालन, अधिक किराया वसूली, मेट्रोपोल क्षेत्र में कूड़ा डंपिंग और उससे लगने वाला जाम। इन सभी बिंदुओं पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
बैठक में संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक यातायात जगदीश चंद्र, उप जिलाधिकारी तुषार सैनी, आरटीओ गुरदेव सिंह और होटल एसोसिएशन से जुड़े अन्य प्रतिनिधि भी शामिल रहे। सभी ने मिलकर इस पर्यटन सीजन को व्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में अहम निर्णय लिए।