
देहरादून। उत्तराखंड शासन ने प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों—ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत—का कार्यकाल आगामी पंचायत चुनावों या 31 जुलाई 2025 (जो भी पहले हो) तक बढ़ा दिया है। यह निर्णय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया में आई अपरिहार्य देरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि स्थानीय प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा न आए।
इस अवधि में पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति की जाएगी, जो शासन संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
नियुक्त प्रशासक इस प्रकार रहेंगे:
जिला पंचायतों में – संबंधित जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट
क्षेत्र पंचायतों में – संबंधित उपजिलाधिकारी (अपने-अपने क्षेत्र में)
ग्राम पंचायतों में – संबंधित विकासखंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)
पहले से जारी अधिसूचनाएं और अवधि
2019 में गठित त्रिस्तरीय पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। शासन द्वारा 26 नवंबर 2024, 30 नवंबर 2024 और 12 दिसंबर 2024 को जारी अधिसूचनाओं के तहत प्रशासकों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी थी, जिनका कार्यकाल मई–जून 2025 तक था:
-
ग्राम पंचायतों का कार्यकाल – 27 मई 2025 तक
-
क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल – 29 मई 2025 तक
-
जिला पंचायतों का कार्यकाल – 1 जून 2025 तक
क्यों हुई देरी?
निर्वाचन संबंधी अनिवार्य प्रक्रियात्मक कारणों से चुनाव समय पर संपन्न नहीं हो सके। ऐसे में शासन ने त्रिस्तरीय पंचायतों की प्रशासनिक व्यवस्था को बनाए रखने हेतु प्रशासकों की पुनः नियुक्ति की है। इससे जनहित, कार्यहित और प्रशासनिक संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी।
हरिद्वार ज़िले में यह आदेश लागू नहीं
गौरतलब है कि यह निर्णय जनपद हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों पर लागू होगा। हरिद्वार में पंचायत चुनाव पहले ही संपन्न हो चुके हैं।