
उत्तराखंड में इन दिनों क्षेत्रों और सड़कों के नाम बदलने को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इसी कड़ी में देहरादून के मियांवाला क्षेत्र का नाम बदले जाने की खबर सामने आई, जिस पर अब राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर बीजेपी के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों और कुछ पार्टी नेताओं ने इसका विरोध किया।
मियांवाला के लोगों का कहना है कि यह नाम किसी धर्म विशेष से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। लोगों ने इसे हटाने का विरोध करते हुए साफ कहा कि यह नाम वर्षों से यहां की पहचान बना हुआ है और इसे बदलना ठीक नहीं है।
विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने किया पुनर्विचार का ऐलान
बढ़ते विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मियांवाला का नाम बदलने पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में स्थानीय जनता की भावनाओं का सम्मान किया जाए और उनकी राय को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई की जाए।
पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष कुलदीप बटोला ने भी स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि मामले की दोबारा समीक्षा की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के कई क्षेत्रों और सड़कों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की है।
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हरिद्वार में 8 क्षेत्रों/सड़कों के नाम बदले जा रहे हैं
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नैनीताल में दो सड़कों के नाम बदले गए हैं
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उधम सिंह नगर में एक पंचायत क्षेत्र का नाम बदलने की योजना है
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देहरादून में चार क्षेत्रों का नाम बदलने की योजना बनाई गई है, जिसमें मियांवाला भी शामिल था
भाजपा के नेताओं को झटका
इस निर्णय के समर्थन में पहले स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ समेत कई बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री को बधाई दी थी। लेकिन अब जब सरकार ने इस पर पुनर्विचार का फैसला किया है, तो यह कदम उन नेताओं के लिए एक झटका माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में किसी भी नाम को बदलने से पहले स्थानीय लोगों की राय और भावनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मियांवाला के लोगों ने सरकार के पुनर्विचार के निर्णय का स्वागत किया है।