
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग को कर में बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा, वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो जाएगी।
टीडीएस और रिटर्न दाखिल करने में राहत
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस छूट सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई।
- किराए की आय पर टीडीएस छूट सीमा अब 6 लाख रुपये कर दी गई है।
- अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है।
- नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान पहले की तरह जारी रहेंगे।
नए टैक्स स्लैब से किसे मिलेगा फायदा?
पहले, यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय 7.75 लाख रुपये थी, तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये हो जाती थी, जिससे उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। अब 12 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह कर-मुक्त कर दी गई है, जिससे लाखों करदाताओं को राहत मिलेगी।
सरकार का उद्देश्य
सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत देने, उपभोग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के उद्देश्य से यह बड़ा बदलाव किया है।