
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं द्वारा की जा रही अनियमितताओं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए छात्रवृत्ति राशि के गबन के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ शिक्षण संस्थाओं — जिनमें मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य निजी संस्थाएं शामिल हैं — ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्राप्त की। सरकार का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से सरकारी धन का दुरुपयोग है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।”