
हरिद्वार: हरिद्वार जिले के मंगलौर से एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सहायक चकबंदी अधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक विनोद कुमार को 2100 रुपये की रिश्वत लेते हुए सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरअसल, एक स्थानीय व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसके भाई ने अपनी बुआ से एक प्लॉट खरीदा है और उससे जुड़ी फाइलें ऑफिस में अटकी पड़ी थीं। जब वह कागजात पूरे कराने के लिए चकबंदी कार्यालय गया, तो वहां मौजूद लिपिक विनोद कुमार ने काम के बदले रिश्वत की मांग कर दी। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और देहरादून स्थित सतर्कता अधिष्ठान से संपर्क किया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सतर्कता टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। 4 जुलाई को टीम ने मंगलौर के कुरुड़ी स्थित सहायक चकबंदी अधिकारी कार्यालय में दबिश दी और लिपिक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी के समय मौके से पूरे साक्ष्य एकत्रित किए गए।
गिरफ्तारी के बाद विनोद कुमार के आवास पर भी छापेमारी की गई, ताकि यह पता चल सके कि कहीं वह किसी और मामले में भी संलिप्त तो नहीं है। टीम को उसके पास से कई दस्तावेज और कुछ संदिग्ध सामग्री भी मिली है, जिनकी जांच जारी है। सतर्कता अधिष्ठान ने साफ कहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो वे डरने की बजाय सतर्कता विभाग से संपर्क करें। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।