
बागेश्वर: जिला अस्पताल में इलाज न मिलने से डेढ़ साल के मासूम शुभांशु जोशी की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना 10 जुलाई की है जब चमोली के चिड़ंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के बेटे की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ग्वालदम अस्पताल ले जाया गया। इलाज न मिलने पर बच्चे को बैजनाथ और फिर बागेश्वर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां से शाम 6 बजे हल्द्वानी भेज दिया गया। लेकिन समय पर एंबुलेंस न मिलने और इलाज में हुई देरी के कारण बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी, जिसने हाल ही में रिपोर्ट शासन को सौंपी। लेकिन स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने रिपोर्ट को सतही और अपूर्ण बताया है। उन्होंने बागेश्वर जिलाधिकारी को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

इस बीच, जांच समिति के सदस्यों – डॉ. अनुपम ह्यांकी (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी), डॉ. तपन शर्मा (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) और डॉ. प्रमोद सिंह जंगपांगी (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रिपोर्ट में पाई गई कमियों के लिए इन अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।
इसके अलावा, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने मासूम के इलाज में गंभीरता नहीं दिखाई और हल्द्वानी रेफर कर दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई। उन्हें भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
घटना के बाद मृतक के पिता दिनेश चंद्र ने 26 जुलाई को एक वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा साझा की थी, जिससे मामला और अधिक सुर्खियों में आ गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन अधिकारियों और कर्मचारियों को कतई नहीं बख्शेगी।