उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे, जहां उन्होंने कई विकास कार्यों का शुभारंभ किया। पहले उनका शनिवार शाम को लखनऊ लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन अब वे रविवार सुबह रवाना होंगे। गांव पहुंचकर उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठांगर के सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया। इसी स्कूल में उन्होंने अपनी पांचवीं तक की पढ़ाई की थी। स्कूल में कदम रखते ही वे पुरानी यादों में खो गए और अपने बचपन के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि यहां आकर अपार खुशी हो रही है, क्योंकि अब यह स्कूल आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हो चुका है।
गांव में उन्होंने पंचूर बरात घर के पहले और दूसरे चरण के निर्माण कार्य का भी लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज की भी इसमें सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए। जब समाज शिक्षा को प्राथमिकता देगा और उसमें योगदान देगा, तभी एक बेहतर भविष्य की नींव रखी जा सकेगी।
इसी बीच, कृषक, बागवान उद्यमी संगठन ने योगी आदित्यनाथ को एक खुला पत्र भेजा, जिसमें उत्तराखंड में बागवानी और किसानों की समस्याओं को लेकर कई सवाल उठाए गए। संगठन के महासचिव दीपक करगेती ने पत्र में लिखा कि योगी के गांव पंचूर को सबसे पहले चकबंदी के लिए चुना गया था, लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तराखंड में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का मुख्यालय पहले रानीखेत (चौबटिया) में था, लेकिन अब इसके अधिकारी देहरादून में बैठकर योजनाओं को पंगु बना रहे हैं।
इसके अलावा, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना लागू होने के बावजूद उत्तराखंड में इसका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है, जिससे किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इन समस्याओं को उत्तराखंड सरकार के सामने रखें और जल्द समाधान सुनिश्चित करें।