
भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो है कर्नल सोफिया कुरैशी. सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों की बातचीत तक में उनकी बहादुरी की मिसाल दी जा रही है. मुरादाबाद के मकबरा इलाके में रहने वाली उनकी बुआ हाजरा बेगम ने जब मीडिया से बात की तो आंखों में गर्व साफ नजर आ रहा था.
हाजरा बेगम ने कहा कि सोफिया बचपन से ही देशभक्ति से भरी हुई थी. उसमें हमेशा कुछ अलग करने की चाह थी. वो पढ़ाई में भी आगे रहती थी और सोच भी उसकी बड़ी थी. बुआ ने बताया कि सोफिया के पिता सूबेदार ताज कुरैशी मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में रहते हैं. उन्होंने अपनी बेटी की परवरिश में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी. उसी मेहनत का नतीजा है कि आज उनकी बेटी देश के लिए लड़ रही है.
हाजरा बेगम का कहना है कि उन्हें फख्र है कि उनकी भतीजी ने पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम किया. उनका साफ कहना है कि अगर पाकिस्तान अब भी भारत की ताकत को हल्के में ले रहा है तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल होगी. उन्होंने भारतीय सेना को भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
हाजरा बेगम के बेटे गाजिब अली ने भी अपनी बहन की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये बड़े गर्व की बात है कि सोफिया हमारे परिवार से है. उसकी वजह से मुरादाबाद का नाम भी रोशन हुआ है. गाजिब अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने सोफिया पर जो भरोसा जताया है वो हमारे पूरे परिवार के लिए सम्मान की बात है.
सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की तो इसकी जानकारी देने के लिए जिन दो महिला अधिकारियों को आगे किया गया उनमें एक नाम कर्नल सोफिया का भी था. उनके साथ वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी मौजूद थीं. दोनों ने सामने आकर बताया कि सेना ने कैसे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के अड्डों को तबाह किया.
सोफिया वही अफसर हैं जिन्होंने पुणे में हुए बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास फोर्स 18 में भारतीय टुकड़ी की कमान संभाली थी. ये पहली बार था जब किसी महिला अधिकारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई. सोफिया के दादा भी सेना से रिटायर्ड थे. उनकी शादी भी सेना के एक अधिकारी से हुई है जो मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में तैनात हैं.