
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजिलेंस (सतर्कता अधिष्ठान) ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। काशीपुर की कृषि उत्पादन मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी मंगलवार को उस समय हुई जब वह दो व्यापारियों से ₹1,20,000 की घूस ले रहे थे।
ग्राम सरवरखेड़ा निवासी व्यापारी शफायत चौधरी और शकील चौधरी ने अपनी दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए मंडी समिति में आवेदन किया था। लेकिन सचिव पूरन सिंह सैनी ने हर लाइसेंस के एवज में ₹60,000 की रिश्वत की मांग कर डाली, जबकि इसका सरकारी शुल्क मात्र ₹250 है।
व्यापारियों ने बार-बार सचिव से अनुरोध किया कि यह अवैध मांग है, लेकिन सैनी ने दबाव बनाए रखा। आखिरकार परेशान होकर दोनों व्यापारियों ने उत्तराखंड सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन 1064 पर शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत की पुष्टि के बाद विजिलेंस की हल्द्वानी यूनिट ने मामले की जांच शुरू की। मंगलवार को योजना के तहत मंडी कार्यालय में जाल बिछाया गया। शाम करीब 4:30 बजे विजिलेंस टीम ने सचिव पूरन सिंह सैनी को रिश्वत की रकम ₹1,20,000 लेते हुए पकड़ लिया। जैसे ही गिरफ्तारी हुई, मंडी परिसर में हड़कंप मच गया और तमाम व्यापारी व कर्मचारी एकत्र हो गए।
विजिलेंस टीम ने मौके पर ही सैनी से पूछताछ शुरू कर दी, और कार्यालय को पुलिस ने घेराबंदी कर सील कर दिया। खबर लिखे जाने तक टीम की कार्रवाई जारी थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान मंडी समिति में अन्य गड़बड़ियों के भी सुराग मिल सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई के संदेश के बाद इस तरह की ताबड़तोड़ कार्रवाई सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह मामला न सिर्फ मंडी समिति बल्कि पूरे प्रदेश में ईमानदार शासन की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।