काशीपुर/देहरादून: उत्तराखंड में बहुचर्चित एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरुवार को पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह और बसपा नेता व अधिवक्ता अशरफ सिद्दीकी के आवासों पर छापेमारी की। ये कार्रवाई देहरादून और काशीपुर में अलग-अलग स्थानों पर की गई, जो कई घंटों तक जारी रही।
जमीनों की हेराफेरी और करोड़ों की धोखाधड़ी
साल 2017 में सामने आए एनएच-74 घोटाले में जमीनों की कीमतों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए का मुआवजा फर्जी तरीके से बांटने का मामला सामने आया था। आरोप है कि किसानों के नाम पर भारी रकम बांटी गई, जिनमें से कई लाभार्थी पंजाब मूल के थे। अब ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है।
देहरादून में पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह के आवास पर और काशीपुर में अधिवक्ता अशरफ सिद्दीकी के घर पर तीन गाड़ियों में पहुंची ईडी टीम ने बैंक रिकॉर्ड, संपत्ति के दस्तावेज और मुआवजे की फाइलें खंगालीं। बताया जा रहा है कि ये सभी दस्तावेज एनएच-74 मुआवजा वितरण से जुड़े हैं, जो अब जांच के घेरे में हैं।
राजनीतिक कनेक्शन भी जांच के दायरे में
बसपा नेता अशरफ सिद्दीकी काशीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और पूर्व में इस मामले में नाम भी उछला था। अब ईडी उनकी भूमिका की भी गहनता से जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो भविष्य में और भी बड़े चेहरों पर शिकंजा कस सकता है। त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी, जिसने 2022 में कई आरोपियों पर कार्रवाई की थी। अब ईडी की एंट्री के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बहुकरोड़ घोटाले की परतें जल्द पूरी तरह उजागर हो सकेंगी।