
देहरादून: नाबालिग किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट अर्चना सागर की अदालत ने दोषी पिता को पांच साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। जुलाई 2022 में रायवाला थाने में एक युवती ने अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि पिता नाबालिग बेटी के साथ गलत व्यवहार कर रहे थे। युवती की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने दो महीने के भीतर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
पीड़िता की बड़ी बहन देहरादून में कोचिंग कर रही थी। जब वह घर आई तो उसे इस मामले की जानकारी हुई और उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। विशेष न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया गया है।
कोर्ट में साक्ष्यों और गवाहों की बयान के आधार पर आरोपी को दोषी पाया गया और पांच साल की सजा सुनाई गई. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपए अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर उसे एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. कोर्ट ने सरकार से पीड़िता को एक लाख रुपए दिलाने के निर्देश भी दिए हैं. -किशोर कुमार, सरकारी अधिवक्ता-