
नैनीताल। पर्यटन सीजन और बरसात के दौरान शहर की सीवर व्यवस्था बुरी तरह चरमराने लगी है। हालत यह है कि सीवर लाइन ओवरफ्लो होकर झील तक पहुंचने लगी है, जिससे झील की स्वच्छता और पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है।
जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देश के बाद जल संस्थान अलर्ट मोड पर आ गया है। सीवर में बरसाती पानी मिलाने वालों की पहचान के लिए पांच जांच टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें घर-घर जाकर जांच करेंगी कि कहां बरसात का पानी अवैध रूप से सीवर में छोड़ा जा रहा है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता रमेश गर्ब्याल ने बताया कि हर टीम में 2–3 सदस्य होंगे, जिनमें जल संस्थान के अनुभवी कर्मचारी और फील्ड स्टाफ शामिल हैं। सहायक अभियंता अंशुल ओझा ने बताया कि चिह्नित भवन स्वामियों को 7 दिन के भीतर सीवर से बरसाती पानी का कनेक्शन हटाने का नोटिस दिया जाएगा।
निर्देशों के अनुसार, समय पर कार्रवाई न होने की स्थिति में संबंधित भवन स्वामी पर चालान और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम झील की स्वच्छता बनाए रखने और जलभराव की समस्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।