
भीमताल, 28 जून — मानसून सीजन की शुरुआत के साथ ही पहाड़ों और तराई क्षेत्रों में भूस्खलन, जलभराव और गधेरों के उफान जैसी घटनाएं सामने आने लगी हैं। ऐसे में नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आपदा संभावित स्थलों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने नगर पालिका, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), सिडकुल और जिला प्रशासन से समय रहते जरूरी कदम उठाने की अपील की है।
बृजवासी ने बताया कि वे वर्ष 2016-17 से लगातार संबंधित विभागों को पत्राचार और ज्ञापन के माध्यम से भीमताल क्षेत्र की बरसात में सामने आने वाली समस्याओं के स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि विभागों द्वारा केवल कागजी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस सुधार अब तक नहीं हुआ है।
बृजवासी ने नगर के संवेदनशील क्षेत्रों की सूची देते हुए कहा कि बरसातों से पहले विभागीय निरीक्षण और रोकथाम आवश्यक है। उन्होंने निम्न क्षेत्रों में तत्काल कार्यवाही की मांग की:
जंगलिया गाँव पहाड़ी से वार्ड 3 नौल-बिजरौली (आईटीआई मार्ग – नौकुचियाताल पर्यटन सड़क) तक निर्माणाधीन मार्गों का निरीक्षण एवं सुरक्षात्मक उपाय
वार्ड 6 टीआरसी झील क्षेत्र में जुड़ी पहाड़ियों और जून स्टेट इलाके में भूस्खलन संभावित स्थानों पर सुरक्षात्मक इंतज़ाम
वार्ड 2 करकोटक पहाड़ी क्षेत्र से रामनिवास तक के आपदा संभावित क्षेत्र में निरीक्षण और आवश्यक कार्यवाही
खुटानी नाला, स्टेडियम, बाईपास, ब्लॉक रोड, कालोनी मार्केट आदि इलाकों में जलभराव की समस्या को देखते हुए ड्रेनेज सिस्टम का निरीक्षण और सुधार
उन्होंने कहा कि यदि इन क्षेत्रों में समय रहते रोकथाम के उपाय नहीं किए गए, तो यह न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि पर्यटन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। बृजवासी ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि वह स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लें और संबंधित विभागों को निर्देशित करें कि मानसून से पहले सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।