नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल आने वाले पर्यटकों को अब शहर में प्रवेश करने से पहले ग्रीन टैक्स देना होगा। नगर पालिका प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण और बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया है। जल्द ही विधिक राय लेने के बाद ग्रीन टैक्स की दरें तय की जाएंगी।
नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने बताया कि शहर को स्वच्छ रखने और पालिका की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ग्रीन टैक्स लिया जाएगा। यह टैक्स मुख्य रूप से बाहरी वाहनों पर लागू होगा, जो नैनीताल में प्रवेश करने के लिए निर्धारित शुल्क अदा करेंगे। स्थानीय निवासियों और उत्तराखंड परिवहन की बसों को इस टैक्स से छूट दी गई है।
नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झीलों और हरे-भरे जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल हजारों पर्यटक यहां घूमने आते हैं, जिससे यातायात का दबाव और प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। खासकर, वीकेंड और छुट्टियों के दौरान यहां भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका और जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। यह टैक्स नैनीताल में प्रवेश के दौरान निर्धारित बैरियर पर लिया जाएगा।
नगर पालिका ने पर्यटकों से प्रति वाहन लगभग 150 रुपए ग्रीन टैक्स लेने की योजना बनाई है। इसके लिए नारायण नगर, भवाली और हल्द्वानी रोड पर ग्रीन टैक्स बूथ बनाए जाएंगे।
ग्रीन टैक्स से प्राप्त राशि को शहर की साफ-सफाई, झीलों के संरक्षण, वायु प्रदूषण नियंत्रण और हरियाली बढ़ाने में उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, नगर की यातायात व्यवस्था सुधारने, सड़कों के रखरखाव और कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में भी इस धनराशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
दिल्ली से आए पर्यटक मोहित शर्मा ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि अगर यह पैसा पर्यावरण संरक्षण के लिए सही तरीके से उपयोग होता है, तो इसे देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। वहीं, साहिल नामक एक पर्यटक ने इसे अनुचित बताया। नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने कहा कि यह टैक्स सही उद्देश्य के लिए लगाया गया है, लेकिन प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इससे पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। स्थानीय व्यवसायी त्रिभुवन फर्तियाल ने चिंता जताई कि इस फैसले से नैनीताल आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी हो सकती है।
जल्द ही नगर पालिका प्रशासन विधिक प्रक्रिया पूरी कर ग्रीन टैक्स वसूली की शुरुआत करेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण और नगर की सुविधाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।